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Apravyakti

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By Aprajeeta Singh

Hi Everyone, This is Aprajeeta Singh. Call me a writer, shayar, poet, fituri, creative artist, or yet another engineer making a successful career in writing. I am calling you all to listen to 'meri kahani, meri zubani' through my podcast 'Abhivyakti' where I will be voicing my poetries, stories, & some of my silly experiences with life. Hope you enjoy listening to it. Follow me & Stay tuned.
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Bournvita चोरी हो गया !

Apravyakti Sep 16, 2023

00:00
06:54
Bournvita चोरी हो गया !
Sep 16, 202306:54
सेव प्रेम
Aug 26, 202305:57
कैसे खाऊँ रोटी? रोटी में भैया का चेहरा दिखता है !!!
Jul 30, 202307:38
एक पर्सेंट की कीमत तुम क्या जानो टीचर बाबू !!!

एक पर्सेंट की कीमत तुम क्या जानो टीचर बाबू !!!

मेरे बचपन के अनूठे किस्से को बयां करता हुआ ये "एक का बचपन" का तीसरा एपिसोड जो मेरे अव्वल आने के जुनून से ओत-प्रोत है। शुरुआत से शुरुआत करने में तो सभी को बहुत डर लगता है, क्योंकि फिर अपना मुकाम पाने में समय भी तो बहुत लगता है। मगर नई शुरुआतें ही तो ज़िंदगी को बयां करती हैं और नई चुनौतियाँ ही तो जीवन में गंभीर सीख देतीं हैं।

सुनिए मेरे बचपन का वो किस्सा जहाँ मैंने भी ऐसी ही ज़िंदगी के एक पड़ाव की नई शुरुआत की थी और बचपने में काफ़ी पचपन वाली बातें की थीं।

अपने बचपन के ऐसे ही किसी किस्से को साझा करने के लिए या उस याद को मुझसे बाँट ताज़ा करने के लिए, आप मुझे मेरे इंस्टा हैन्डल aprajeetaasingh पर फॉलो कर सकते हैं।

Jul 22, 202309:04
प्यार से डर नहीं लगता साहब, चिमटे से लगता है!!!
May 13, 202308:37
चटर - चटर या पटर - पटर
May 06, 202304:45
एक था बचपन

एक था बचपन

बचपन में हर एक बच्चे को बड़े होने की लालसा रहती है और बड़े होने भी सभी लोगों को बचपन में लौट जाने की इच्छा। हालांकि दोनों में से किसी इच्छा को पूरा तो नहीं किया जा सकता, मगर एक कहानीकार होने के सौभाग्य से खुद के बचपन को कहानी में सहेज कर रखने का सुअवसर मिला तो सोचा सबसे साझा कर सभी को बचपन की यात्रा कराई जाए। मेरे साथ अपने बचपन की इस यात्रा के लिए सुनिए, मेरे बचपन की कहानी मेरी ज़ुबानी।

Apr 28, 202303:48
प्रेम की स्वीकृति

प्रेम की स्वीकृति

क्या प्रेम में स्वीकृति की आवश्कता है?
क्या प्रेम के इज़हार को बिना किसी प्रश्नवाचक चिन्ह जोड़े केवल इज़हार रखा जा सकता है?
आख़िर क्यों हम प्रेम के इज़हार के साथ अगले व्यक्ति को असमंजस की स्थिति में डाल देते हैं?

प्रेम में स्वीकृति, अस्वीकृति, और उपेक्षा जैसी बातों पर मेरे विचार जानने को आतुर हैं तो ज़रूर सुने और अपने विचार मुझसे साझा करें।

You can reach me on my insta handle @aprajeetaasingh.
Apr 20, 202304:44
मैंने अपना घर बना लिया

मैंने अपना घर बना लिया

"अपना घर"

घर बनाने का सपना तो हम सभी का ही होता है। हम में से कुछ अपने घर बना चुके हैं, कुछ बना रहे हैं, और कुछ के लिए ये पहाड़ चढ़ना अभी भी बाकी ही है।

खेर, ये सिलसिला तो जारी रहेगा, मगर अपने घर के होने की आस कभी न छोड़ें। क्योंकि आपका घर आप में और आपके आसपास के ही लोगों में बसा है। बस उसे खोजने की ही देर है, खुद को वक्त दें और खुद के घर तक पहुँचने का रास्ता खोजें।

Jan 01, 202305:17
क्या तुम रुकोगे???

क्या तुम रुकोगे???

एक प्रश्न जो हर नए रिश्ते की शुरुआत में तुम करना तो चाहते हो, मगर हमेशा हिचकिचाते हो। एक प्रश्न जिसके उत्तर के साथ तुम आगे तो बढ़ना चाहते हो, मगर फिर अपने कदमों को पीछे खींच लेते हो।
Nov 29, 202203:10
मुझे 'उससे' बेहतर चाहिए

मुझे 'उससे' बेहतर चाहिए

बेहतर, बेहतर और बहुत ही बेहतर!
प्रतिस्पर्धा की होड़ कह लो या ज़िंदगी की दौड़ कह लो, हमें सब अच्छा ही नहीं सब कुछ सबसे अच्छा चाहिए। मगर क्या सबसे अच्छा कुछ होता भी है? मुझे तो नहीं लगता, क्योंकि अच्छा केवल तुलनात्मक शब्द है। शायद आप और हम जो जी रहे हैं वो भी बहुत अच्छा है, आपके लिए न सही किसी और के लिए जो आपकी ज़िंदगी को ideal मानता हो।
अब इस बात पर शायद हँस दें की मेरी ज़िंदगी किस तरह से ideal है, बेहतर है, मगर किसी और ज़िंदगी की कठिनाई की तुलना में हो सकती है।
तो क्या बेहतरी की होड़ में भागते रहना गलत है? लगता तो नहीं है, पर खुद की तुलना हमेशा किसी से करते हुए खुद को कमतर आंकना गलत है। आखिर तुम दुनिया में कितने ही बेहतर, मशहूर न हो जाओ, तुम किसी न किसी व्यक्ति से कम ही मशहूर होंगे। तो, आखिर खुद की खुशियों के साथ ये भेदभाव क्यों? क्या ये तुम्हें खुद के लिए वाज़ीफ लगता है? एक बार खुद से जरूर पूछ के देखना।
Oct 30, 202202:36
साथ

साथ

यूँ तो साथ बेईमानी है, मगर बिना साथ के कहाँ ही कोई कहानी है। मुझे "forever" में विश्वास नहीं मगर साथ में है। तुम मेरा साथ केवल तब तक देना, जब तक तुम्हें मेरा साथ बेहतर लगे, मगर जब तक लगे, तब तक साथ पूरा लगे...
Dec 20, 202105:38
Why should you start reading and keep reading?

Why should you start reading and keep reading?

Sharing wealthy benefits of reading and answering hundreds of ifs and buts of reading that my friends and readers pushed me to. Start your reading journey now with this podcast.
Nov 16, 202116:02
What's the plan?

What's the plan?

There is a lot of hype about planning, pre-planning, right execution of plans, and whatnot! I heard people saying that success is all about right planning. I partially agree, but it's not that you need to have a plan every time. Life is not a race! You can simply walk the extra mile without sticking to the plans.
Sep 04, 202104:13
तुम ने क्या किया होता?

तुम ने क्या किया होता?

एक प्रश्न कई अनगिनत प्रश्नों और मोमबत्तियाों के उत्तर में...
Jul 31, 202105:52
शायद मैं डरती हूँ
Jul 18, 202109:01
मासूम-सा दिल था, छोटी-छोटी ख्वाहिशें

मासूम-सा दिल था, छोटी-छोटी ख्वाहिशें

वक़्त-वक़्त की बात है... वक़्त के साथ बहुत कुछ बदलता और सब कुछ बदलते-बदलते वक़्त हमें ही बदल देता है! "मासूम-सा दिल था, छोटी-छोटी ख्वाहिशें" उन्हीं बदलती ख्वाहिशों की छोटी-सी दास्ताँ है।
Jul 03, 202105:16