
सपनेवाली | Sapnewaali
By Surabhi Yadav
Sapnewaali (dreamers) is a podcast by and for young adults talking to people they find inspiring and interesting. Learning about ways to achieve dreams and leadership skills by women leaders and achievers in villages in India. It is a creation of Sajhe Sapne, a social enterprise that helps young women in villages achieve their career aspirations.

सपनेवाली | SapnewaaliSep 13, 2020

चर्चा 9 : वार्ड सदस्य और आशा कार्यकर्ता के रूप में बनाई अपनी पहचान/Established unique identity as Ward member and Asha worker.
यह कहानी है मोरा जी की, जो हिमाचल प्रदेश के नैण गांव की रहने वाली हैं। इन्होंने आशा कार्यकर्त्ता और वार्ड सदस्य के रूप में अपनी एक अलग पहचान बनाई है। मोरा जी अपने गांव की महिलाओं के लिए एक प्रेरणा हैं, जिन्हें देख कर आस-पास की महिलाओं को भी कुछ हटकर करने का ज़ोश मिला।
This is a story about Mora Ji, who belongs to the village of Nain in Himachal Pradesh. She has made a distinct identity for herself as an Asha worker and ward member. Mora Ji is an inspiration for the women of her village, and her enthusiasm has encouraged women in the surrounding areas to do something extraordinary.

सपनेवाली चर्चा: 8 | मेरे एक निर्णय ने बदला मेरा करियर
यह कहानी है बिहार के गांव से संबंध रखने वाली एक लड़की की, जिसने करियर बनाने के लिए अपने जीवन में बहुत सारे निर्णय लिए हैं। जो आमतौर पर बहुत ही कम ग्रामीण लड़कियाँ कर पाती है। निर्णय लेने की उसकी यही क्षमता उसे बाकी लड़कियों से अगल करती है।

सपनेवाली चर्चा: 7 | गाँव में फुटबॉल से हार्वर्ड विश्वविद्यायल तक की सीमा कहानी
आज की चर्चा के हमारी मेहमान है सीमा कुमारी, जो झारखंड के डहु गांव की रहने वाली है। सीमा की कहानी सुनकर आप घर बैठे ही स्पेन की सैर कर लीजिएगा। सीमा एक आदिवासी समुदाय से ताल्लुक रखती हैं, इन्होंने अपने सपने को पूरा करने के लिए साद्री भाषा से इंग्लिश बोलना सीखा और अभी विश्व के जानेमाने विश्वविद्यालय हारवर्ड में जाकर इकोनॉमिक की पढ़ाई कर रही है। इसके साथ ही सीमा एक फुटबॉल प्लेयर भी है। सीमा से बातचीत कर रही हैं सपनेवाली ऋतु यादव, जो साझे सपने के स्टूडेंट रह चुकी है और मुस्कान नाम की संस्था में जॉब भी कर रही हैं।

सपनेवाली चर्चा ६। सपनों की उड़ान। निक्की कुमारी और अदिती ठाकुर
क्या आप भी कभी सोचती हो कि आसमान में उड़ना कैसा होता होगा? मिलिए बीड गाँव की अदिति से- ये रोज़ आसमान में उड़ती हैं और अपने साथ और लोगों को भी उड़ाती हैं। अदिति हिमाचल की पहली और इकलौती महिला पैराग्लाइडिंग पायलट हैं। अदिति को यह कदम उठाने के लिए उनके पापा ने प्रोत्साहित किया।और अब उनके लिए बड़े गर्व की बात है उनकी बेटी को देखकर और लड़कियाँ भी पैराग्लाइडिंग सीखने लगी हैं। इस एपिसोड में अदिति से उनकी कहानी पूछेंगी साझे सपने कि छात्रा निक्की जो अभी हिमाचल में एक साल का कोर्स कर रही हैं।

सपनेवाली चर्चा ५ : रिश्ते और सपने - भाग २ | सुरभि यादव और ज्योति कुमारी
आप भी यह चर्चा सुने और आशा है की आपके मन में उठे कुछ सवालों के भी जवाब आपको मिल पाएंगे |

सपनेवाली चर्चा ५ : रिश्ते और सपने - भाग १ | सुरभि यादव और ज्योति कुमारी
आप भी यह चर्चा सुने और अपने लिए नई राहें निकाले |

बुंदेलखंड की आवाज़ बुलंद करती सम्पादक: चर्चा ४ । साझे सपने, सपनों से मंज़िल तक
मीरा जाटव के सपनो की कहानी सुनकर उन्हें बुंदेलखंड की नारीवादी नंबर 1 बुलाने का मन करता है | पिछले २० साल में उन्होंने कई ग्रामीण महिलाओ को पत्रकार बनाया है और गांव के मुद्दों को सरकार और समाज के सामने उठाया है | यह सिर्फ दो समाचार संस्थाओ की संपादक ही नहीं पर दोनों की सह-संस्थापक भी रही है | सबसे पहले ख़बर लहरिया नाम की सन्स्था संभाली और अब चित्रकूट कलेक्टिव चला रही है |
मीरा जी ने समाज के दिए हुए हर उस दायरे को लांघा है जो उनको बांधने के लिए बनाया गया था - फिर वह चाहे उनकी दलित जाती की पहचान हो, या पांच बेटियों की माँ होने की ज़िम्मेदारी | उनके पत्रकारिता के करियर में उन्होंने बड़े बड़े डाकुओं का सामना किया, शक्तिशाली व्यवसायी और नेताओ के खिलाफ भी ख़भरे छापी |
इस एपिसोड में उनकी बेटी दीपिका यह जानना चाहती है की एक ग्रामीण महिला होकर उन्होंने पत्रकारिता जैसे पुरुष प्रधान छेत्र में किस तरह अपने काम का और अपने सपनो का परचम लहराया

सपनेवाले गायत्री और सूरज: चर्चा ३ | सौजन्य - साझे सपने

सपनेवाली कमला भसीन और सविता वर्मा | सौजन्य से: साझे सपने, सपनों से मंज़िल तक

सपनेवाली संध्या और बबली : चर्चा १ | साझे सपने, सपनों से मंज़िल तक
इन किस्सों के सिलसिले में पहली मुलाक़ात ढुकार (चम्बा) की बबली और कंडबाड़ी (काँगड़ा) की संध्या से होगी | संध्या दानापुर (बिहार ) में पली -बड़ी और अपने कस्बे की
पहली लड़की थी जिन्होंने साइकिल चलाई, इंजिनियरिंग की और अमेरिका जाकर पीएचडी करके वैज्ञानिक बनकर काम भी किया | पिछले कई सालों से वह हिमाचल में आविष्कार नाम की संस्था चला रही है जो सरकारी स्कूलों में विज्ञान और गणित को मजेदार बनाने का काम करती है | बबली भी संध्या की तरह अपने आस पास के माहौल से कुछ अलग करते हुए अपना कैरियर एजुकेशन में बना रही है | इस कार्यक्रम का सूत्रधार साझे सपने है जो गांव की युवतियो को कुशल, सक्षम बनाने और कमाई के रास्ते खोलता है | जुड़ने के लिए इमेल करे: soochna@Sajhesapne.org